reflections et cetera
Thursday, April 21, 2011
beyond the stars ..
तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा
तेरे सामने आस्मां और भी हैं
इसी रोज़-ओ-शब में उलझकर न रह जा
कि तेरे ज़मीन-ओ-मकां और भी हैं
सितारों से आगे जहां और भी हैं
अभी इश्क़ के इम्तहां और भी हैं
-मोहम्मद इक़बाल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment